मंगलवार, 27 सितंबर 2022

केंद्र सरकार कराएगा शहरों का स्वच्छ वायु सर्वेक्षण, 131 शहरों का चयन

 

देश के चुनिंदा शहरों का स्वच्छ वायु सर्वेक्षण होगा। इसमें 131 ऐसे शहरों को शामिल किया गया है, जो राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के लिए पहले से ही अपनी वायु गुणवत्ता पर काम कर रहे हैं। यह सर्वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मार्गदर्शन में स्वच्छ वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा तय मानकों के अनुसार होगा।

इसमें वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा स्वच्छ वायु के लिए शहरी कार्ययोजना के तहत इन शहरों को चुना गया हैं। इन शहरों को 2025-26 तक अपना वायु प्रदूषण 40 फीसदी तक कम करना है। इन शहरों को आबादी के आधार पर तीन समूहों में बांटा गया है। इसमें पहले समूह में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 47 शहर, दूसरे समूह में तीन से 10 लाख की आबादी वाले 44 शहर और तीसरे समूह में तीन लाख से कम आबादी वाले 40 शहर शामिल हैं।


दरअसल, गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण और वन मंत्रालय के दो दिन चलने वाले राष्ट्रीय वन मंत्रियों के सम्मेलन में प्रदूषण को नियंत्रित करने और इसके शमन के लिए एक समानांतर सत्र में राज्यों के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम-एनसीएपी में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण- शहरों की रैंकिंग पर दिशा-निर्देशों की जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा की गई। इसमें प्रेरणा ऑनलाइन पोर्टल पर इसके मानकों की जानकारी दी गई है। इसमें शहरों को स्व-मूल्यांकन करना आवश्यक है।

23-24 सितंबर को गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रियों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। सम्मेलन का उद्घाटन कल प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम पर एक समानांतर सत्र के दौरान, राज्यों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण – शहरों की रैंकिंग पर दिशानिर्देशों के बारे में बताया गया।


पर्यावरण और वन मंत्रालय के अनुसार, शहरों को पीआरएएनए ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए ढांचे के अनुसार स्व-मूल्यांकन करना होगा। शहरों को ठोस कचरा प्रबंधन, निर्माण सामग्री और मलबा प्रबंधन और प्रदूषण कम करने जैसी गतिविधियों और उपायों की रिपोर्ट देनी होगी। यह आकलन हर साल किया जाता है।


स्व-मूल्यांकन और तृतीय-पक्ष मूल्यांकन के आधार पर, प्रत्येक समूह में तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यह प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना से हवा की गुणवत्ता में सुधार के उपाय करने के लिए रचनात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।


यह सर्वेक्षण शहरों को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों की योजना बनाने के लिए अच्छी पहल है। यह शहरों को रैंक करने के लिए वायु गुणवत्ता मानकों के मापन पर आधारित नहीं है। यह विभिन्न डोमेन में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों द्वारा की गई कार्रवाइयों पर आधारित है। शहरों द्वारा की गई कार्रवाइयों से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।


मंत्रालय ने कहा कि, इस प्रकार यह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक योजना कार्यान्वयन उपकरण प्रदान करता है और शहरों का आकलन करता है कि उन्होंने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों को कितना बेहतर तरीके से संरेखित किया है। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) क्या है?/

  केन्द्रीय  विद्यालय संगठन: केन्द्रीय विद्यालय संगठन एक ऐसा संगठन है जो देश के सभी केंद्रीय विद्यालयों के कामकाज को देखता है। मानव संसाधन म...